Friends shayri in hindi/friendship shayri
Rehan khan
"सुबह का हर पल ज़िंदगी दे आपकोदिन का हर लम्हा खुशी दे आपको
जहा गम की हवा छू कर भी न गुज़रे
खुदा वो जन्नत से ज़मीन दे आपको
"छोटे से दिल में गम बहुत है,
जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें,
कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है.
"इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है
"रिश्तों की यह दुनिया है निराली,
सब रिश्तों से प्यारी है दोस्ती तुम्हारी,
मंज़ूर है आँसू भी आखो में हमारी,
अगर आजाये मुस्कान होंठ पे तुम्हारी।
"सभी इन्सान है मगर फर्क सिर्फ इतना है!
कुछ जख्म देते है,कुछ जख्म भरते है!!
हमसफर सभी है मगर फर्क सिर्फ इतना है!
कुछ साथ चलते है,कुछ छोड जाते है!!
प्यार सभी करते है मगर फर्क सिर्फ इतना है!
कुछ जान देते है, कुछ जान लेते है!!
दोस्ती सभी करते है मगर फर्क सिर्फ इतना है!
कुछ दोस्ती निभाते है,कुछ आजमाते है!!
"सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है,
आँख खुलते ही आपकी याद आती है,
खुशियों के फूल हो आपके आँचल में,
ये मेरे होंठों पे पहली फ़रियाद होती है।
"नफरत को हम प्यार देते है .....
प्यार पे खुशियाँ वार देते है ...
बहुत सोच समझकर हमसे कोई वादा करना..
"" ऐ दोस्त "" हम वादे पर जिदंगी गुजार देते है
"फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है,
मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है,
मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ,
बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है
"साहिल पर खड़े-खड़े हमने शाम कर दी,
अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी,
ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी,
बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी।
"दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है,
दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है,
रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना,
क्योकि दोस्ती जरा सी नादान होती है...!!!
"दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है,
दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है,
रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना,
क्योकी दोस्ती जरा सी नादान होती है
Rehan khan
"दोस्ती का रिश्ता दो अंजानो को जोड देता है,
हर कदम पर जिन्दगी को नया मोड देता है,
सच्चा दोस्त साथ देता है तब...
जब अपना साया भी साथ छोड देता है.
"गुनाह करके सज़ा से डरते हैं,
जहर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं,
हम तो दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं
"दोस्तों की कमी को पहचानते है हम,
दुनियाँ के गमों को भी जानते है हम,
आप जैसे दोस्तों के ही सहारे..
आज भी हँस कर जीना जानते है हम
"एक हसीन पल की जरूरत है हमें,
बीते हुए कल की जरूरत है हमें,
सारा जहाँ रूठ गया हमसे..
जो कभी ना रूठे ऐसे दोस्त की जरूरत है हमें
"कुछ सालों बाद ना जाने क्या होगा,
ना जाने कौन दोस्त कहाँ होगा...
फिर मिलना हुआ तो मिलेगे यादों में,
जैसे सूखे हुए गुलाब मिले किताबों में.
"क्युँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त,
क्युँ गम को बांट लेते है दोस्त,
ना रिश्ता खून का ना रिवाज से बंधा,
फिर भी जिन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त
"दिल टूटना सजा है महोब्बत की,
दिल जोडना अदा है दोस्ती की,
माँगे जो कुर्बानी वो है महोब्बत,
जो बिन माँगे हो जाऐ कुर्बान...
...वो है दोस्ती हमारी
"दिल में तुम्हारे अपनी कमी छोड जाऐंगे,
आँखों में इंतज़ार की लकीर छोड जाऐंगे,
याद रखना मुझे ढूँढते फिरोगे एक दिन,
जिन्दगी में देस्ती की कहानी छोड जाऐंगे.
"दोस्ती नज़रों से हो तो उसे कुदरत कहते हैं,
सितारों से हो तो उसे जन्नत रहते है,
हुसन से हो तो उसे महोब्बत कहते है,
और दोस्ती आप जैसे दोस्त से हो तो उसे किस्मत कहते है,
"नहीं बन जाता कोई अपना
...... यूँ ही दिल लगाने से,
करनी पड़ती है दुआ,
...सच्ता दोस्त पाने के लिए रब से,
रखना संभालकर ये याराना अपना,
टूट ना जाए ये किसी के बहकाने से
"हर एक मोड पे हम गिरते थे किसी ने भी ना हमको उठाया था,
तब तूने ही सनम एक उमीद का दिया जलाया था,
अपने हर एक गम को छुपाकर मुझे जीना सिखाया था
"और कभी तुझे ना भूलने का इरादा करते हैं,
मेरा रब मेरी नहीं किसी और की तो सुन ही लेगा ना,
ये सोच कर हर इक से तेरे लिए दुआ करवाया करते हैं
"ये दोस्ती चिराग है जलाऐ रखना
ये दोस्ती खुशबु है महकाऐ रखना,
हम रहें हमेशां आपके दिल में,
हमेशां इतनी जगह बनाऐ रखना
Rehan khan
" दोस्त जो है साथ फिर डर किस बात का है भला..
कभी कभी बस आप जुदा हो जाते हैं..
हमारे दिल में बस दर्द इस बात का हैं
"वो मुझे चाहे मिल ही जाऐ जरूरी तो नहीं,
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसो में,
वो सामने हो मेरी आँखो के जरूरी तो नहीं
"क्या नशा है इश्क आज तक समझ ना पाये हम,
उन नशीली आँखों में कहीं हो ना जाऐं गुम,
युँ तो इश्क समझ नहीं आता ना जाने क्या बला थी ये,
कि जुदा होने पे उनकी ये आँखे हो गई है नम..
"युँही बे सबाब ना फिरा करो,
कोई शाम घर भी रहा करो..
वो गज़ल की सच्ची किताब है,
उसे छुपके-छुपके पड़ा करो..
मुझे इश्तिहार सी लगती हैं..
ये महोब्बतों की कहनीयाँ..
जो सुना नहीं वो कहा करो..
जो कहा नहीं वो सुना करो.
" मंजिलों से अपनी दूर ना जाना..
रास्ते की परेशानियों से टूट ना जाना..
जब भी जरूरत हो जिन्दगी में किसी अपने की..
हम अपने हैं ये भूल ना जाना
"अगर जो दिल की सुनो तो हार जाओगे..
हम जैसा प्यार फिर कहाँ से पाओगे..
जान देने की बात को हर कोई करता है..
जिन्दगी बनाने वाला कहाँ से लाओगे..
जो इक नज़र देखोगे हमें..
हर तरफ हमको ही पाओगे..
यकीं अपनी चाहत का इतना है मुझे..
मेरी आँखो में झाँकोगे और लौट आओगे..
मेरी यादों के समंदर में जो डूब गऐ तुम..
कहीं जाना भी चाहोगे तो जा नहीं पाओगे
"तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ..
जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ..
मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह..
तमाम उमर बस इक मुलाकात में गुजार लूँ
"वो कहते हैं दिल पे भरोसा इतना नहीं करते,
हम कहते हैं महोब्बत में सोचा नहीं करते,
वो कहते हैं नज़रों से दूर पर दिल के पास हुँ,
हमने कहा सपनो से दिल को बहलाया नहीं करते
" कोई रिश्ता नया या पुराना नहीं होता,
जिन्दगी का हर पल सुहाना कितना होता,
जुदा होना तो किस्मत की बात है..
पर जुदाई का मतलब भूलाना नहीं होता
" वफा के बदले बेवफाई ना दिया करो..
मेरी उमीद ठुकरा कर इन्कार ना किया करो..
तेरी महोब्त में हम सब कुछ खो बैठे..
जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो
"तारों में अकेले चाँद जगमगाता है,
मुश्किलों में अकेला इन्सान डगमगाता है,
काँटों से मत घबराना मेरे दोस्त,
क्योंकि काँटों में ही एक गुलाब मुस्कुराता है
" हर सपना खुशी का पूरा नहीं होता,
कोई किसी के बिना अधुरा नहीं होता,
जो रोशन करता है सब रातों को,
वो चाँद भी तो हर बार पूरा नहीं होता
" अपनी खुशीयां लुटा कर उस पे कुर्बान हो जाऊँ,
काश कुछ दिन उसके शहर में महमान हो जाऊँ,
वो अपना नायाब दिल मुझ को दे दें
...................और फिर वापस माँगे
मै मुक्कर जाऊँ और बेईमान हो जाऊँ
" ना जाने क्यों वो हमसे मुस्कुरा के मिलते हैं,
अन्दर के सारे गम छुपा के मिलते हैं,
जानते हैं आँखे सच बोल जाती हैं,
शायद इसी लिए वो नज़र झुका के मिलतें हैं ...
" मेरी हर एक अदा में छुपी थी मेरी तमन्ना,
तुम ने महसुस ना की ये और बात है,
मैने हर दम तेरे ही ख्वाब देखें,
मुझे ताबीर ना मिली ये और बात है,
मैने जब भी तुझ से बात करनी चाही,
मुझे अलफाज़ ना मिले ये और बात है,
कुदरत ने लिखा था मुझको तेरी तमन्ना में
मेरी किस्मत में तु ना थी ये और बात है
" क्युँ इक पल भी तुम बिन रहा नही जाता,
तुम्हारा एक दर्द भी मुझसे सहा नही जाता,
क्युँ इतना प्यार दिया है तुमने,
की तुम बिन मुझ से जिया नही जाता..।
"कैसे बयां करू अलफाज़ नहीं हैं,
दर्द का मेरे तुझे ऐहसास नही है,
पुछते हो मुझसे क्या दर्द है.?
मुझे दर्द ये ही की तु मेरे पास नही है
"चाँदनी रातों में कुछ भीगे ख्यालों की तरह,
मैने चाहा है तुम्हें दिन के उजालों की तरह,
गुजरे थे जो कुछ लम्हें तुम्हारे साथ,
मेरी यादों में चमकते हैं वो सितारों की तरह
"मुबारक हो आपको ये सुहानी रात,
सपनो में होगी हमारी आपसे मुलाकात..
युँ तो बहुत कुछ है कहने को लेकिन,
सोचते है जब आप सामने आओगे तो क्या करेंगे बात
"मिलने आऐंगे आपसे खवाबो में,
ज़रा रोशनी के दीये बुझा दीजीऐ..
आब ओर नहीं होता इंतजार आपसे मुलाकात का,
आपनी आँखों के पर्दे ज़रा गिरा दीजीऐ
Rehan khan
"नैनो मे बसे है ज़रा याद रखना,अगर काम पड़े तो याद करना,
मुझे तो आदत है आपको याद करने की,
अगर हिचकी आए तो माफ़ करना.....
"एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,
हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर,
मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना,
हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर.
"वफा के वादे वो सारे भूला गया चुप-चाप...
वो मेरे दिल की दिवारें हिला गया चुप-चाप...
ना जाने कौन सा वो बद-नसीब लम्हा था,
जो गम की आग में मुझ को जला गया चुप-चाप...
गम-ऐ-हयात के तपते हुए बया-बांन में..
हमें वो छोड के चला गया चुप-चाप...
मैं जिसको छुता हुँ वो जख्म देता...
"क्यों इतना गमो से वास्ता रखने लगा हू,
खुद से ही क्यों जुदा होने लगा हुँ।
उस अनजान कि खातिर, जान पहचान वालो से,
रकीबो सा रिश्ता रखने लगा हुँ।
इतना जिद्दी तो वो खुदा भी नहीं जिसने बनाया है उसे,
क्यों उसके लिए खुदा से रूठ रहा हुँ।
बहुत दूर है वो समझता है दिल मेरा
"दस्तूर-ऐ-वफा हम इस तरहा निभाऐंगे...
तुम रोज खफा होना, हम रोज मनाऐंगे..
तेरी दोस्ती का सिला हम इस तरहा चुकाऐंगे..
शादी हो तेरी और दुल्हन हम ले जाऐंगे..
"मुस्कुरा के गम भुलाना जिन्दगी है...
मिलकर लोग खुश होते हैं तो क्या हुआ..
बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है...
"सवाल तेरे मेरे दर्मियान बाकी है...
नही अभी तो नही खत्म ज़िन्दगी होगी,
अभी तो मेरे कई इम्तिहान बाकी है !
सुबूत इसके सिवा दोस्ती का क्या दूँ मै,
अभी तो चोट के गहरे निशान बाकी है !
जो एक आसमाँ टूट भी गया है तो क्या,
अभी तो सर पे कई आसमान बाकी है!!!!
"तनहा जब दिल होगा, आपको आवाज दिया करेंगे..
रात को सितारों से आपका ज़िकर किया करेंगें...
आप आऐं या ना आऐं हमारे ख्वाबो में...
हम बस आपका इंतज़ार किया करेंगे..
"सोचा की दोस्त आपको युँ ही भूल जाऐगा...
ये तो आदत है हमारी सताने की...
वरना इतना प्यारा दोस्त कौन भूला पाऐगा...
"निगाहें बदल गयी अपने और बेगाने की,
तू न छोड़ना दोस्ती का हाथ, वरना
तम्मना मिट जायेगी कभी दोस्त बनाने की ||
"हम दोस्त बनाकर किसी को रुलाते नही..
दिल में बसाकर किसी को भुलाते नही..
हम तो दोस्त के लिए जान भी दे सकते हैं...
पर लोग सोचते हैं की हम दोस्ती निभाते नहीं...
"जिन्दगी आप बिन उलफत सी लगती है..
एक पल की जुदाई मुदत सी लगती है..
पहले तो ऐहसास था पर अब यकीन है..
हर लम्हा आपकी जरूरत सी लगती है...
"याद आते है तो ज़रा खो लेते हैं...
आँसू आँखो मे उतर आऐ तो ज़रा रो लेते हैं...
नींद आँखो मे आती नहीं लेकीन..
आप ख्वाबो में आऐं यही सोच कर सो लेते हैं...
"दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,
ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,
कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,
उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,
मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने...
"जब भी होगी पहली बारीश.. ......तुमको सामने पाऐंगे....
वो बुँदो से भरा चहरा.. ......तुम्हारा हम कैसे देख पाऐंगे..
बहेंगी जब भी सर्द हवाऐं.. ......हम खुद को तनहा पाऐंगे...
ऐहसास तुम्हारे साथ का.. ......हम कैसे महसूस कर पाऐंगे..
इस दौडती हुई जिन्दगी में.. ......हम बिल्कुल ही रुक जाऐंगे..
थाम लो हमे थमने से पहले.. ......हम कैसे युँ जी पाऐंगे..
ले डूबेगा ये दर्द हमें ...
"ऐसा नही की आप हमें याद नही आते..
माना की सब रिश्ते निभाऐ नही जाते
मगर जो दोस्त दिल मे बस जाते है...
... वो कभी भुलाऐ नही जाते..
"कहीं मर ना जाऊँ कफन सीला रखा है...
दफन करने से पहले दिल निकाल लेना..
कहीं वो ना जल जाऐ, जिसे दिल मे बसा रखा है.
"प्यार की गज़लो को तराना मिल गया.
आपकी दोस्ती ऐसी मिली दोस्त...
जैसे खुदा की तरफ से कोई नज़राना मिल गया...
"तकदीर किसी भी वक्त बदल सकती है..
होसला रखो इरादा ना बदलो..
जिसे दिल से चाहते हो.वो चीज कभी भी मिल सकती है
"मह दोस्तों में तुम्हें सबसे अजीज मानते हैं..
तेरी दोस्ती के साये में जिंदा हैं..
हम तो तुझे खुदा का दिया हुआ तावीज मानते हैं..
"हर आईने में तेरी तस्वीर मुझे नजर आई है..
लोग कहते हैं प्यार में निंद उड़ जाती है..
हम ने निंदों में ही प्यार की दुनिया बनाई है
"आँखों मे प्यास हुआ करती थी... दिल में तुफान उठा करते थे..।
लोग आते थे गज़ल सुनने को... हम तेरी बात किया करते थे..।
सच समझते थे सब सपनो को.. रात दिन घर में रहा करते थे..।
किसी विराने में तुझसे मिलकर... दिल में क्या फुल खिला करते थे..।
घर की दिवार सजाने की खातिर .. हम तेरा नाम लिखा करते थे..।
कल तुझ को देखकर याद आया... हम भी महोब्बत किया करते थे...।
हम भी महोब्बत किया करते थे...
"दिन हुआ है तो रात भी होगी..
हो मत उदास, कभी बात भी होगी..
इतने प्यार से दोस्ती की है..
जिन्दगी रही तो मुलाकात भी होगी..
"हम ना रहेंगे तो हमें याद करोगे तुम भी..
आज कहते हो हमारे पास वक्त नही..
पर एक दिन मेरे लिए वक्त बर्बाद करोगे तुम भी..
"दोस्ती सिर्फ पास होने का नाम नही..
अगर तुम दूर रहकर भी हमें याद करो..
इससे बड़ा हमारे लिए कोई इनाम नही..
" मैं तुझको भुल के जिन्दा रहुँ, खुदा ना करे..
रहेगा साथ तेरा प्यार जिन्दगी बन कर..
ये और बात मेरी जिन्दगी वफा ना करे..
ये ठीक है नही मरता कोई जुदाई में..
खुदा किसी को किसी से मगर जुदा ना करे..
सुना है उसको महोव्त दुआऐं देती है..
जो दिल पे चोट तो खाऐ मगर गिला ना करे..
अगर वफा पे भरोसा रहे ना दुनीया को..
तो कोई शख्स महोव्त का होसला ना करे..
बुझा दिया हो नसीबों ने मेरे प्यार का चाँद..
"जो नही ज़मी से कम...
अजीब अपनी महोब्बत है..
अजीब इसके सितम..
सोचुँ तो नहीं जिन्दगी तुमसे ज्यादा...
सोचुँ तो नहीं तुम जिन्दगी से कम..
"मैने जब सोचा कि तुम बिन जिना मुश्किल बात नही,
दिन तो मुश्किल से ही गुज़रा, तुम बिन गुज़री रात कहाँ ?
ज़हर समय का वह पी लेगा, कहता है तो कहने दो..
लीडर है वो सच न मानें, अब कोई सुकरात कहाँ ।
मेरी आँखों मे बुंदे थी, जब तितली के पंख नुचे,
जी तो चाहे शहर डुबो दूँ, आँखों में बरसात कहाँ ।
तेरी याद के नाखूनों से, रोज उधेड़े जख़्मों को,
मिलन की मरहम की चाहत है, पर ऐसी कोई रात कहाँ ।
"दीयो के लीये बाती जैसे
अन्धो के लीये लाठी जैसे
प्यासे के लीये पानी जैसे
बच्चे के लीये नानी जैसे
लेखक के लीये कलम जैसे
बीमार के लीये मलम जैसे ...
"सुबह का हर पल ज़िंदगी दे आपको
दिन का हर लम्हा खुशी दे आपको
जहा गम की हवा छू कर भी न गुज़रे
खुदा वो जन्नत से ज़मीन दे आपको"
"छोटे से दिल में गम बहुत है,
जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें,
कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है."
"इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है
"
"रिश्तों की यह दुनिया है निराली,
सब रिश्तों से प्यारी है दोस्ती तुम्हारी,
मंज़ूर है आँसू भी आखो में हमारी,
अगर आजाये मुस्कान होंठ पे तुम्हारी।"
"सभी इन्सान है मगर फर्क सिर्फ इतना है!
कुछ जख्म देते है,कुछ जख्म भरते है!!
हमसफर सभी है मगर फर्क सिर्फ इतना है!
कुछ साथ चलते है,कुछ छोड जाते है!!
प्यार सभी करते है मगर फर्क सिर्फ इतना है!
कुछ जान देते है, कुछ जान लेते है!!
दोस्ती सभी करते है मगर फर्क सिर्फ इतना है!
कुछ दोस्ती निभाते है,कुछ आजमाते है!!
"
"सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है,
आँख खुलते ही आपकी याद आती है,
खुशियों के फूल हो आपके आँचल में,
ये मेरे होंठों पे पहली फ़रियाद होती है।
"
नफरत को हम प्यार देते है .....
प्यार पे खुशियाँ वार देते है ...
बहुत सोच समझकर हमसे कोई वादा करना..
"" ऐ दोस्त "" हम वादे पर जिदंगी गुजार देते है"
"फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है,
मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है,
मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ,
बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है"
"साहिल पर खड़े-खड़े हमने शाम कर दी,
अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी,
ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी,
बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी।"
"दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है,
दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है,
रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना,
क्योकि दोस्ती जरा सी नादान होती है...!!!"
"दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है,
दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है,
रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना,
क्योकी दोस्ती जरा सी नादान होती है"
"दोस्ती का रिश्ता दो अंजानो को जोड देता है,
हर कदम पर जिन्दगी को नया मोड देता है,
सच्चा दोस्त साथ देता है तब...
जब अपना साया भी साथ छोड देता है."
"गुनाह करके सज़ा से डरते हैं,
जहर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं,
हम तो दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं"
"दोस्तों की कमी को पहचानते है हम,
दुनियाँ के गमों को भी जानते है हम,
आप जैसे दोस्तों के ही सहारे..
आज भी हँस कर जीना जानते है हम"
"एक हसीन पल की जरूरत है हमें,
बीते हुए कल की जरूरत है हमें,
सारा जहाँ रूठ गया हमसे..
जो कभी ना रूठे ऐसे दोस्त की जरूरत है हमें"
"कुछ सालों बाद ना जाने क्या होगा,
ना जाने कौन दोस्त कहाँ होगा...
फिर मिलना हुआ तो मिलेगे यादों में,
जैसे सूखे हुए गुलाब मिले किताबों में."
"क्युँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त,
क्युँ गम को बांट लेते है दोस्त,
ना रिश्ता खून का ना रिवाज से बंधा,
फिर भी जिन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त"
"दिल टूटना सजा है महोब्बत की,
दिल जोडना अदा है दोस्ती की,
माँगे जो कुर्बानी वो है महोब्बत,
जो बिन माँगे हो जाऐ कुर्बान...
...वो है दोस्ती हमारी"
"दिल में तुम्हारे अपनी कमी छोड जाऐंगे,
आँखों में इंतज़ार की लकीर छोड जाऐंगे,
याद रखना मुझे ढूँढते फिरोगे एक दिन,
जिन्दगी में देस्ती की कहानी छोड जाऐंगे.
"
"दोस्ती नज़रों से हो तो उसे कुदरत कहते हैं,
सितारों से हो तो उसे जन्नत रहते है,
हुसन से हो तो उसे महोब्बत कहते है,
और दोस्ती आप जैसे दोस्त से हो तो उसे किस्मत कहते है,"
"नहीं बन जाता कोई अपना
...... यूँ ही दिल लगाने से,
करनी पड़ती है दुआ,
...सच्ता दोस्त पाने के लिए रब से,
रखना संभालकर ये याराना अपना,
टूट ना जाए ये किसी के बहकाने से"
"हर एक मोड पे हम गिरते थे किसी ने भी ना हमको उठाया था,
तब तूने ही सनम एक उमीद का दिया जलाया था,
अपने हर एक गम को छुपाकर मुझे जीना सिखाया था"
"और कभी तुझे ना भूलने का इरादा करते हैं,
मेरा रब मेरी नहीं किसी और की तो सुन ही लेगा ना,
ये सोच कर हर इक से तेरे लिए दुआ करवाया करते हैं"
"ये दोस्ती चिराग है जलाऐ रखना
ये दोस्ती खुशबु है महकाऐ रखना,
हम रहें हमेशां आपके दिल में,
हमेशां इतनी जगह बनाऐ रखना
"
" दोस्त जो है साथ फिर डर किस बात का है भला..
कभी कभी बस आप जुदा हो जाते हैं..
हमारे दिल में बस दर्द इस बात का हैं"
"वो मुझे चाहे मिल ही जाऐ जरूरी तो नहीं,
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसो में,
वो सामने हो मेरी आँखो के जरूरी तो नहीं"
"क्या नशा है इश्क आज तक समझ ना पाये हम,
उन नशीली आँखों में कहीं हो ना जाऐं गुम,
युँ तो इश्क समझ नहीं आता ना जाने क्या बला थी ये,
कि जुदा होने पे उनकी ये आँखे हो गई है नम.."
"युँही बे सबाब ना फिरा करो,
कोई शाम घर भी रहा करो..
वो गज़ल की सच्ची किताब है,
उसे छुपके-छुपके पड़ा करो..
मुझे इश्तिहार सी लगती हैं..
ये महोब्बतों की कहनीयाँ..
जो सुना नहीं वो कहा करो..
जो कहा नहीं वो सुना करो.
" मंजिलों से अपनी दूर ना जाना..
रास्ते की परेशानियों से टूट ना जाना..
जब भी जरूरत हो जिन्दगी में किसी अपने की..
हम अपने हैं ये भूल ना जाना"
"अगर जो दिल की सुनो तो हार जाओगे..
हम जैसा प्यार फिर कहाँ से पाओगे..
जान देने की बात को हर कोई करता है..
जिन्दगी बनाने वाला कहाँ से लाओगे..
जो इक नज़र देखोगे हमें..
हर तरफ हमको ही पाओगे..
यकीं अपनी चाहत का इतना है मुझे..
मेरी आँखो में झाँकोगे और लौट आओगे..
मेरी यादों के समंदर में जो डूब गऐ तुम..
कहीं जाना भी चाहोगे तो जा नहीं पाओगे"
"तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ..
जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ..
मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह..
तमाम उमर बस इक मुलाकात में गुजार लूँ
"वो कहते हैं दिल पे भरोसा इतना नहीं करते,
हम कहते हैं महोब्बत में सोचा नहीं करते,
वो कहते हैं नज़रों से दूर पर दिल के पास हुँ,
हमने कहा सपनो से दिल को बहलाया नहीं करते
" कोई रिश्ता नया या पुराना नहीं होता,
जिन्दगी का हर पल सुहाना कितना होता,
जुदा होना तो किस्मत की बात है..
पर जुदाई का मतलब भूलाना नहीं होता"
" वफा के बदले बेवफाई ना दिया करो..
मेरी उमीद ठुकरा कर इन्कार ना किया करो..
तेरी महोब्त में हम सब कुछ खो बैठे..
जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो"
"तारों में अकेले चाँद जगमगाता है,
मुश्किलों में अकेला इन्सान डगमगाता है,
काँटों से मत घबराना मेरे दोस्त,
क्योंकि काँटों में ही एक गुलाब मुस्कुराता है"
" हर सपना खुशी का पूरा नहीं होता,
कोई किसी के बिना अधुरा नहीं होता,
जो रोशन करता है सब रातों को,
वो चाँद भी तो हर बार पूरा नहीं होता"
" अपनी खुशीयां लुटा कर उस पे कुर्बान हो जाऊँ,
काश कुछ दिन उसके शहर में महमान हो जाऊँ,
वो अपना नायाब दिल मुझ को दे दें
...................और फिर वापस माँगे
मै मुक्कर जाऊँ और बेईमान हो जाऊँ
" ना जाने क्यों वो हमसे मुस्कुरा के मिलते हैं,
अन्दर के सारे गम छुपा के मिलते हैं,
जानते हैं आँखे सच बोल जाती हैं,
शायद इसी लिए वो नज़र झुका के मिलतें हैं ..."
" मेरी हर एक अदा में छुपी थी मेरी तमन्ना,
तुम ने महसुस ना की ये और बात है,
मैने हर दम तेरे ही ख्वाब देखें,
मुझे ताबीर ना मिली ये और बात है,
मैने जब भी तुझ से बात करनी चाही,
मुझे अलफाज़ ना मिले ये और बात है,
कुदरत ने लिखा था मुझको तेरी तमन्ना में
मेरी किस्मत में तु ना थी ये और बात है
" क्युँ इक पल भी तुम बिन रहा नही जाता,
तुम्हारा एक दर्द भी मुझसे सहा नही जाता,
क्युँ इतना प्यार दिया है तुमने,
की तुम बिन मुझ से जिया नही जाता..।"
"कैसे बयां करू अलफाज़ नहीं हैं,
दर्द का मेरे तुझे ऐहसास नही है,
पुछते हो मुझसे क्या दर्द है.?
मुझे दर्द ये ही की तु मेरे पास नही है
"
"चाँदनी रातों में कुछ भीगे ख्यालों की तरह,
मैने चाहा है तुम्हें दिन के उजालों की तरह,
गुजरे थे जो कुछ लम्हें तुम्हारे साथ,
मेरी यादों में चमकते हैं वो सितारों की तरह"
"मुबारक हो आपको ये सुहानी रात,
सपनो में होगी हमारी आपसे मुलाकात..
युँ तो बहुत कुछ है कहने को लेकिन,
सोचते है जब आप सामने आओगे तो क्या करेंगे बात
"मिलने आऐंगे आपसे खवाबो में,
ज़रा रोशनी के दीये बुझा दीजीऐ..
आब ओर नहीं होता इंतजार आपसे मुलाकात का,
आपनी आँखों के पर्दे ज़रा गिरा दीजीऐ